डायबिटीज के मरीज 30 दिन की दवा रखें, अस्थमा से जूझ रहे तो गंभीर खतरा है; जानिए 5 बड़ी बीमारी वाले मरीजों को कितना रिस्क

पूरी दुनिया कोरोनावायरस से प्रभावित है। जो आबादी संक्रमण से दूर है, वो मास्क और हाइजीन जैसे उपायों के जरिए बचने की कोशिश कर रही है। यह वायरस किसी को भी अपनी चपेट में ले सकता है, लेकिन कुछ खास मेडिकल कंडीशन ऐसी हैं, जहां इनसे ग्रस्त लोगों को संक्रमण से खतरा ज्यादा है। कोविड 19 एक नई बीमारी है और एक्सपर्ट्स के पास इससे जुड़ी बहुत ही सीमित जानकारियां हैं।

इन बीमारियों से जूझ रहे लोगों को कोविड 19 से गंभीर बीमारी होने का जोखिम ज्यादा है। मेडिकल कॉम्प्लैक्सिटी, न्योरोलॉजिक, जैनेटिक, मेटाबॉलिक परेशानियों या कॉन्जेनिटल हार्ट डिसीज से जूझ रहे बच्चों को दूसरे बच्चों की तुलना में कोविड 19 से गंभीर बीमारी होने का जोखिम ज्यादा है। कोविड 19 से बचने का सबसे अच्छा तरीका है, लोगों से जितना हो सके कम से कम मुलाकात करें और अगर बातचीत कर रहे हैं तो सावधानियां बरतें।

अगर आप किसी बीमारी से जूझ रहे हैं तो किन बातों का रखें ध्यान?

  • दवाइयों को जारी रखें: अगर आप किसी बीमारी से जूझ रहे हैं तो अपनी दवाइयों को लेकर सजग रहें और ट्रीटमेंट जारी रखें। इसके अलावा अगर आपके लक्षण बिगड़ रहे हैं तो सुरक्षित रहकर डॉक्टर से संपर्क करें। इस वक्त कई हेल्थ एक्सपर्ट्स ऑनलाइन कंसल्टेंसी दे रहे हैं।
  • कम से कम 30 दिन की सप्लाई रखें: इस दौरान घर से निकलना सुरक्षित नहीं है, क्योंकि आप नहीं जानते कि घर से निकलने के बाद आप कितने लोगों के संपर्क में आएंगे। ऐसे में अपने डॉक्टर से संपर्क कर दवाइयों का कम से कम 30 दिन का स्टॉक अपने पास रखें।

अलग-अलग मेडिकल परेशानियों के लिए क्या हैं उपाय?

1. अस्थमा-

  • स्टेरायड्स के साथ इनहेलर्स समेत दवाओं को जारी रखें। इनहेलर का उपयोग करना सीख लें और अस्थमा को बढ़ाने वाली चीजों से दूर रहें।
  • आपका कमरा घर का वो ही सदस्य साफ और डिसइंफेक्ट करे, जिसे अस्थमा नहीं है। इस दौरान अस्थमा के मरीज कमरे में न रहें। ऐसे डिसइंफेक्टेंट का उपयोग न करें जो अस्थमा को बढ़ा दें। सफाई के दौरान खिड़कियों या दरवाजों को खोल दें और पंखा चला दें। डिसइंफेक्टेंट के लेबल वाले निर्देशों को ध्यान से पढ़ें और सीधा सतह पर छिड़कने के बजाए प्रोडक्ट को क्लीनिंग टॉवेल या पेपर टॉवेल पर डालें।

अस्थमा एक्शन प्लान के जरिए बीमारी को नियंत्रित करें। जानिए क्या है अस्थमा कंट्रोल प्लान-
अस्थमा के मरीजों को अपने-अपने एक्शन प्लान की जरूरत होती है। डॉक्टर के साथ मिलकर अपना खुद का प्लान तैयार करें। आपका मकसद है अस्थमा अटैक से बचना और उन्हें कंट्रोल करना। एक्शन प्लान तैयार करते समय नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के "तीन जोन- ग्रीन जोन, यलो जोन और रेड जोन" को शामिल करें। ग्रीन जोन का मतलब है आपकी हालत अच्छी है, यलो का मतलब है स्थिति बिगड़ने लगी है और रेड का मतलब होता है कि आपको डॉक्टर के पास जाने की जरूरत है।

ऐसा है तो हालत ठीक है

  • मुझे सीने में कसा हुआ महसूस नहीं हो रहा है, खांसी या सांस लेने में परेशानी नहीं है।
  • मैं अपने सभी काम आसानी से कर पा रहा हूं।
  • मैं जब भी अपने पीक फ्लो मीटर का इस्तेमाल कर रहा हूं तो फ्लो 80 प्रतिशत या मेरे बेस्ट फ्लो से ज्यादा आ रहा है।
  • अपनी लॉन्ग टर्म दवाइयां जारी रखें।

अब हालत बिगड़ रही है

  • मुझे खांसी, सीने या सांस लेने में परेशानी हो रही है।
  • मैं अपने अस्थमा के कारण रात में जागने लगा हूं।
  • मैं अपने काम नहीं कर पा रहा हूं।
  • तुरंत राहत देने वाली दवाइयों का इस्तेमाल करें और लॉन्ग टर्म दवाइयों को जारी रखें।
  • अगर आपके लक्षण सुधर रहे हैं तो उनकी हर घंटे जांच करते रहें और दवाइयां चलने दें।

अब हालत बिगड़ चुकी है

  • मुझे सांस लेने में बहुत तकलीफ हो रही है या तुरंत राहत देने वाली दवाइयां काम नहीं कर रही हैं।
  • मैं अपना काम नहीं कर पा रहा हूं या 24 घंटों से यलो जोन में था और मेरी हालत ठीक नहीं हो रही है।
  • आपके डॉक्टर की बताई हुई दूसरी दवाइयों को भी शामिल करें और उनसे संपर्क करें। अगर लक्षण ठीक नहीं हो रहे हैं और डॉक्टर की सलाह लें।

2. कैंसर-

  • अपनी हालत, इलाज और इलाके में ट्रांसमिशन के स्तर के आधार पर अपने हेल्थ केयर प्रोवाइडर से बात करें।
  • बिना एक्सपर्ट की सलाह लिए न ही दवाई लेना बंद करें और न ही ट्रीटमेंट प्लान को बदलें। साथ ही लाइफ सेविंग ट्रीटमेंट या इमरजेंसी केयर में देर न करें।

3. क्रोनिक किडनी बीमारी-

  • हेल्थ केयर टीम से लगातार संपर्क में बने रहें। खासतौर से तब जब आपकी बीमारी के लक्षण बिगड़ने लगें। अगर आपके पास खाना या दवाई नहीं है तो उन्हें इस बात की जानकारी दें। अपने पास खाने की चॉइस रखें जो आपकी किडनी डाइट को फॉलो करने में मदद कर सके।

अगर आप डायलिसिस पर हैं तो:

  • अगर आप बीमार महसूस कर रहे हैं तो डायलिसिस क्लीनिक से संपर्क करें। अपना कोई भी ट्रीटमेंट न छोड़ें।
  • अगर आप अपना नॉर्मल ट्रीटमेंट शेड्यूल फॉलो नहीं कर पा रहे हैं तो डाइट प्लान को बनाए रखने के लिए पर्याप्त खाना साथ रखें।

4. डायबिटीज-

  • टाइप 2 डायबिटीज आपके कोविड 19 के कारण गंभीर बीमारी के जोखिम को बढ़ा देती है। सीडीसी के अनुसार, जितना हम अभी तक जानते हैं उस हिसाब से टाइप 1 या गेस्टेशनल डायबिटीज जोखिम बढ़ा सकती है। इस दौरान अपनी डायबिटीज पिल और इंसुलिन को जारी रखें। ब्लड टेस्ट करें और अपने रिजल्ट्स का ध्यान रखें।

5. हीमोग्लोबिन डिसऑर्डर जैसे सिकल सेल बीमारी या थैलेसीमिया-

  • सिकल सेल डिसीज (SCD) जोखिम को बढ़ाती है, जबकि थैलेसीमिया जैसे हीमोग्लोबिन डिसॉर्डर्स जोखिम में इजाफा कर सकते हैं। परेशानियां बढ़ाने की चीजों से दूर रहते हुए वासो-ऑक्लूसिव एपिसोड्स और पेन क्राइसिस से बचने की कोशिश करें। परिवार और दोस्तों को स्वस्थ रक्तदाताओं की जानकारी दें।

जोखिम को खत्म करने का कोई तरीका नहीं है
लॉकडाउन के दौर से गुजर चुके देश में व्यापार, दफ्तर जैसी चीजें दोबारा शुरू हो चुकी हैं। लोगों का जीवन सामान्य तो नहीं हुआ है, लेकिन रोजमर्रा के काम फिर पटरी पर आ गए हैं। ऐसे में जिन लोगों को कोरोनावायरस का जोखिम ज्यादा है या वो जो ज्यादा जोखिम वाले लोगों के साथ रहते हैं, उन्हें सुरक्षा का खास ध्यान रखना होगा। कोविड 19 से जोखिम को पूरी तरह खत्म करने का कोई तरीका नहीं है, लेकिन मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग जैसे बेसिक उपाय की मदद से आपने आप को सुरक्षित रखें।

अगर आप बाहर किसी से मिलने जा रहे हैं तो पहले खुद से ये 4 सवाल जरूर कर लें-

1. आप कितने लोगों से मुलाकात करेंगे?

कोरोनावायरस के दौर में दूसरों से मुलाकात को जितना हो सके उतना कम करने की कोशिश करें। अगर मिलना जरूरी हो रहा है तो पहले ही यह तय कर लें कि एक बार में वहां कितने लोग मौजूद होंगे, क्योंकि जितने ज्यादा लोग उतना ज्यादा जोखिम।

2. क्या आप अपने और दूसरों के बीच 6 फीट की दूरी रख पाएंगे?

मुलाकात की जगह भी बहुत मायने रखती है। खासतौर से वायरस ट्रांसमिशन के मामले में यह और भी ज्यादा जरूरी हो जाती है। लोगों की संख्या जानने के बाद इस बात की जानकारी भी अपने साथ रखें कि मुलाकात कहां होने वाली है। पहले ही पता कर लें कि वहां दूसरों के साथ 6 फीट की दूरी बनाए रखना मुमकिन होगा या नहीं।

3. मुलाकात घर के अंदर होगी या बाहर?

इस वक्त किसी भी प्रकार की गेदरिंग और मीटिंग सुरक्षित नहीं है, लेकिन एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इंडोर के मुकाबले बाहर मुलाकात करना ज्यादा सुरक्षित है। ऐसे इसलिए क्योंकि हवा वायरल ड्रॉपलेट्स को हटा देती है और सूरज की रोशनी कुछ वायरस मार देती है। खुली जगहें वायरस को बढ़ने से और सांस के जरिए अंदर जाने से रोकती हैं। हालांकि, इस दौरान भी लोगों की संख्या कम ही होनी चाहिए।

4. कितनी देर तक चलेगा मुलाकात का दौर?

जगह और कारण के अलावा मुलाकात का वक्त जानना भी बेहद जरूरी है। कोशिश करें कि लोगों से बातचीत कम से कम और पर्याप्त दूरी से हो। क्योंकि आप जितनी ज्यादा देर तक किसी के संपर्क में रहेंगे उतना ही ज्यादा जोखिम बढ़ेगा।

कहां कितना रिस्क है?

सबसे कम जोखिम: वर्चुअल या ऑनलाइन एक्टिविटीज में सबसे कम जोखिम है। क्योंकि इस दौरान आप किसी भी व्यक्ति के नजदीक नहीं जा रहे हैं। कोरोनावायरस की शुरुआत में एल्टन जॉन, जैनिफर एनिस्टन जैसे कई सेलेब्स ने फंड जुटाने के लिए ऑनलाइन कॉन्सर्ट और एक्टिविटी सेशन का आयोजन किया था।

कुछ ज्यादा जोखिम: छोटे समूह या कम लोगों के साथ आउटडोर गेदरिंग। इस दौरान यह ध्यान रखना जरूरी है कि लोगों के बीच 6 फीट की दूरी बनाए रखने पर्याप्त जगह होना चाहिए। इसके अलावा सभी मास्क पहने हुए हों, कोई भी चीज शेयर न हो और सभी लोग स्थानीय हों।

ज्यादा रिस्क: ऐसे मध्यम आकार का आयोजन जहां लोगों की संख्या थोड़ी ज्यादा है। साथ ही शामिल होने वाले लोग दूर-दराज से सफर करने के बाद कार्यक्रम में शामिल हो रहे हों।

सबसे ज्यादा रिस्क: ऐसे कार्यक्रम जहां लोगों की भीड़ लग रही हो और सोशल डिस्टेंसिंग की गुंजाइश न हो। लोग शामिल होने के लिए लंबा सफर तय कर आने के बावजूद मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग को गंभीरता से न ले रहे हों।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
Keep a stock of 30-day medicine, these diseases may cause serious illness; Know what is asthma action plan


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2FXKnIh
via IFTTT

Post a Comment

और नया पुराने