फ्रांस और जर्मनी बीते दो दशक से फुटबॉल की दुनिया पर राज कर रहे हैं। वर्ल्ड कप से लेकर क्लब फुटबॉल तक इन दो देशों का ही डंका बज रहा है। बीते 20 साल में हुए 6 वर्ल्ड कप में से 3 यानी आधे फ्रांस और जर्मनी ने ही जीते हैं। वहीं, यूईएफए चैम्पियंस लीग के इस सीजन में भी इन्हीं दो देशों की 4 टीमों ने सेमीफाइनल खेला। इसमें जर्मनी के दो क्लब बायर्न म्यूनिख, आरबी लिपजिग और फ्रांस के पीएसजी और लियोन शामिल हैं। फाइनल में बायर्न ने पीएसजी को 1-0 से हराकर छठी बार खिताब जीत लिया है।
वर्ल्ड फुटबॉल में इन दो देशों की तूती बोलती है। इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि 2018 में हुआ पिछला फुटबॉल वर्ल्ड कप फ्रांस ने ही जीता। रूस में हुए इस वर्ल्ड कप के फाइनल में फ्रांस ने क्रोएशिया को 4-2 से हराया था। इससे पहले, 1998 में भी ब्राजील को 3-0 से शिकस्त देकर वर्ल्ड कप चैम्पियन बना था। जर्मनी ने 2014 में अर्जेंटीना को 1-0 से हराकर वर्ल्ड कप जीता था। बाकी तीन मौकों पर ब्राजील (2002), इटली (2006) और स्पेन (2010) वर्ल्ड चैम्पियन बने थे।
लिपजिग टीम 11 साल पहले ही बनी
इस बार जर्मन क्लब लिपजिग पहली बार और फ्रेंच क्लब लियोन दूसरी बार चैम्पियंस लीग के सेमीफाइनल में पहुंचा था। लिपजिग टीम 11 साल पहले ही बनी है। वह लीग के इतिहास में अंतिम चार में पहुंचने वाली 75वीं टीम थी। इनके अलावा बायर्न म्यूनिख 12वीं बार, जबकि पीएसजी 1994-95 के बाद लीग के सेमीफाइनल में पहुंचीं थी।
साल 2000 के बाद स्पेन के दो क्लब ने सबसे ज्यादा 10 चैम्पियंस लीग खिताब जीते
क्लब | देश | खिताब जीते | कब |
रियाल मैड्रिड | स्पेन | 6 | 2018, 2017, 2016, 2014, 2002, 2000 |
बार्सिलोना | स्पेन | 4 | 2015, 2011, 2009, 2006 |
लिवरपूल | इंग्लैंड | 2 | 2019, 2005 |
बायर्न म्यूनिख | जर्मनी | 3 | 2020, 2013, 2001 |
एसी मिलान | इटली | 2 | 2007, 2003 |
इंटर मिलान | इटली | 1 | 2010 |
चेल्सी | इंग्लैंड | 1 | 2012 |
मैनचेस्टर यूनाइटेड | इंग्लैंड | 1 | 2008 |
पोर्तो | पुर्तगाल | 1 | 2004 |
लियोन और लिपजिग ने चौंकाया
चैम्पियंस लीग के इस सीजन में आरबी लिपजिग और लियोन जैसी अंडरडॉग टीमों ने सबको चौंकाया। खासतौर पर 11 साल पहले बने जर्मन क्लब लिपजिग पहली बार चैम्पियंस लीग के सेमीफाइनल में पहुंचा। उसने क्वार्टर फाइनल में एटलेटिको मैड्रिड जैसे बड़े क्लब को हराया। एटलेटिको 2014 और 2016 में चैम्पियंस लीग की रनर अप रह चुका है।
6 साल में पहली बार इंग्लिश टीम फाइनल नहीं खेल रही
6 साल में यह पहला मौका है, जब चैम्पियंस और यूरोपा लीग के फाइनल में इंग्लैंड का कोई क्लब नहीं पहुंचा। पिछले सीजन में दोनों लीग के खिताबी मुकाबले चार इंग्लिश क्लब के बीच हुए थे। तब चैम्पियंस लीग के फाइनल में लिवरपूल ने टॉटनहैम को 2-0 से हराया था। वहीं यूरोपा लीग में चेल्सी ने आर्सेनल को 4-1 से मात दी थी। यह चारों क्लब इंग्लिश प्रीमियर लीग के हैं।
पहली बार सबसे ज्यादा खिताब जीतने वाले टॉप-3 क्लब फाइनल नहीं खेले
चैम्पियंस लीग के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ, जब सबसे ज्यादा खिताब जीतने वाले टॉप-3 क्लब फाइनल नहीं खेले। इसमें रियाल मैड्रिड (13), एसी मिलान (7) और लिवरपूल (6) शामिल हैं। यह तीनों क्लब इस सीजन में क्वार्टर फाइनल में भी नहीं पहुंचे थे। पांच खिताब जीतने वाला जर्मन क्लब बायर्न म्यूनिख ही सिर्फ इस सीजन में फाइनल खेला।
65 साल बाद इटेलियन फुटबॉल लीग सीरी-ए, प्रीमियर लीग और स्पेनिश फुटबॉल ला लिगा का एक भी क्लब आखिरी चार में नहीं पहुंचा था।
मेसी-रोनाल्डो 15 साल में पहली बार सेमीफाइनल नहीं खेले
चैम्पियंस लीग में 15 साल बाद ऐसा हुआ, जब सेमीफाइनल में लियोनल मेसी या क्रिस्टियानो रोनाल्डो नहीं खेले। मेसी का क्लब बार्सिलोना क्वार्टर फाइनल से ही बाहर हो गया था। उसे बायर्न म्यूनिख ने 8-2 से हराया। लीग के इतिहास में पहली बार किसी टीम ने नॉकआउट स्टेज में 8 गोल किए।
रोनाल्डो की टीम प्री-क्वार्टर फाइनल से बाहर
वहीं, क्रिस्टियानो रोनाल्डो का क्लब युवेंटस प्री-क्वार्टर फाइनल से आगे नहीं बढ़ पाया। 8 अगस्त को लियोन के खिलाफ हुआ लेग-2 का मैच, तो युवेंटस रोनाल्डो के दो गोल की बदौलत जीत गया, लेकिन ज्यादा अवे गोल (विपक्षी के खिलाफ उसके घर) में करने के कारण लियोन क्वार्टर फाइनल में पहुंचा।
फ्रेंच क्लब लियोन 2010 के बाद पहली बार अंतिम-8 में पहुंचा था। रोनाल्डो पिछली बार 2009 में चैम्पियंस लीग के क्वार्टर फाइनल में नहीं पहुंचे थे। तब वे रियाल मैड्रिड की तरफ से अपना पहला सीजन खेल रहे थे।
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