इसी माह 15 जुलाई को ट्विटर के इतिहास में हुई सबसे बड़ी हैकिंग ने पूरी दुनिया को सकते में डाल दिया है। जिस तरह से हैकर्स ने दुनिया के प्रतिष्ठित लोगों के वैरिफाइड ट्विटर हैंडल्स को हैक कर बिटक्वाइन स्कैम को अंजाम दिया, उसने साइबर सुरक्षा को लेकर कई तरह के सवाल खड़े कर दिए हैं। खासकर तब जबकि वर्तमान में अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर गहमागहमी चल रही है। अमेरिका के लिए यह खतरनाक इसलिए भी है क्योंकि लगभग 20 प्रतिशत अमेरिकी ट्विटर का इस्तेमाल कम्युनिकेशन के लिए करते हैं और मतदाताओं को प्रभावित करने में ट्विटर का इस्तेमाल होता है।
बिटक्वाइन पर नजर रखने वाली कंपनी ब्लाॅक चेन के अनुसार घटना के दौरान ट्विटर पर जिस बिटक्वाइन एड्रेस को डाला गया था, उसमें लगभग 300 ट्रांजेक्शन हुए, जिनसे 3 घंटे में लगभग 88 लाख रुपए (1.18 लाख डॉलर) भेजे गए। इसकी शुरुआती जांच में पता चला है कि ट्विटर के एक कर्मचारी के इंटरनल टूल का उपयोग इस घटना में किया गया है। न्यूयार्क टाइम्स के अनुसार हैकर्स को यह टूल ऑनलाइन कम्युनिटी OGusers.com पर मिला। इसके माध्यम से हैकर्स ने ईमेल रीसेट कर उनके पासवर्ड प्राप्त कर लिए। इसके बाद इन ट्विटर हैंडल को अपने नियंत्रण में ले लिया।
हैकिंग की यह घटना सबसे बड़ी जरूर मानी जा रही है, लेकिन हर साल ऐसी लाखों घटनाएं हो रही हैं। एसेंसर सिक्योरिटी की रिपोर्ट ‘द कास्ट ऑफ साइबर क्राइम’ के अनुसार सोशल अटैक या हैकिंग की घटनाओं में हर साल 16 फीसदी की बढ़ोतरी हो रही है। इसी रिपोर्ट के अनुसार साइबर क्राइम के कारण दुनियाभर में हर साल 1500 अरब डॉलर का नुकसान उठाना पड़ रहा है। साइबर अपराधों के मामलों में बढ़ोतरी की वजह से ही साइबर सिक्योरिटी का बाजार भी लगातार बढ़ रहा है क्योंकि साइबर सिक्योरिटी के जरिए ही कम्प्यूटर इंफॉर्मेशन सिस्टम, नेटवर्क और डेटा को साइबर अटैक से रोका जा सकता है।
क्या है ये ट्विटर अकाउंट हैकिंग का मामला?
15 जुलाई को अचानक दुनिया भर की बड़ी हस्तियों के ट्विटर हैंडल अकाउंट से लगभग एक जैसी पोस्ट पर वर्चुअल मनी बिटक्वाइन में पैसा मांगा गया, जिसमें इस पैसे को दोगुना कर वापस देने की बात कही गई। इस घटना को चार युवा हैकर्स ने अंजाम दिया। जिन बड़े लोगों के ट्विटर हैंडल हैक हुए उनमें टेस्ला कंपनी के सीईओ एलन मस्क, माइक्रोसॉफ्ट के को-फाउंडर बिल गेट्स, अमेरिका में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बाइडेन एवं पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा, सॉफ्टवेयर कंपनी एप्पल, अमेजन के सीईओ जेफ बेजाेस, बिजनेस टाइकून वॉरेन बफेट आिद मुख्य रूप से शामिल हैं।
हैकर्स ने बिटक्वाइन में ही पैसा क्यों मांगा?
बिटक्वाइन एक डिजिटल करेंसी है। रुपए, डॉलर की तरह इसे छापा नहीं जाता। यह डिजिटल यानी इंटरनेट के जरिए इस्तेमाल होने वाली मुद्रा है। इसकी सबसे बड़ी खासियत इसके ट्रांजेक्शन का सबूत न होना है। कोई गुमनाम व्यक्ति दूसरे गुमनाम व्यक्ति को बिटक्वाइन ट्रांसफर कर सकता है। जिसका कोई भी रिकार्ड नहीं होगा। इससे अपराधी को पकड़ना लगभग नामुमकिन होता है। माइक्रोसॉफ्ट जैसी कुछ बड़ी कंपनियां बिटक्वाइन में लेनदेन में करती हैं।
हैकिंग के लिए हम भी जिम्मेदार...
- नोबी4 का सिक्योरिटी थ्रेट एंड ट्रेंड ग्लोबल सर्वे के अनुसार लोग पासवर्ड बनाने में अपना नाम @ या # 345 या 123 का ही इस्तेमाल करते हैं। या फिर अपनी जन्म तारीख़, मोबाइल नंबर को ही अपना पासवर्ड बनाते हैं।
- यही सर्वे बताता है कि किसी संस्था या कंपनी के लिए उसके अपने भीतरी व्यक्ति या जानने वाला ही सबसे बड़ा खतरा होता है। 76 प्रतिशत मामलों में या तो हमला करने वाला व्यक्ति संस्था में काम कर रहा था या पहले काम कर चुका था।
क्यों नहीं पकड़े जाते हैकर्स?
साइबर क्रिमिनल के पकड़ में आने की दर बहुत कम है, क्योंकि वे डीपवेब और डार्क वेब के जरिए अपराध को अंजाम देते हैं जहां आईपी एड्रेस लगातार बदलते रहते हैं। डीपवेब पर फाइलों का एक्सटेंशन ही ओनियन है। यानी कि इस काली दुनिया में इतनी परतों के भीतर डाटा छुपा होता है कि उसे निकाल पाना खासा मुश्किल होता है।
लगातार बढ़ता साइबर सिक्योरिटी बाजार
- 2023 तक 18.61 लाख करोड़ रुपए का होगा साइबर सिक्योरिटी मार्केट
- साइबर सिक्योरिटी के तहत ही कम्प्यूटर इंफॉर्मेशन सिस्टम, नेटवर्क और डेटा को साइबर अटैक से रोका जाता है।
हैकिंग से बचने के लिए आजमाएं 6 तरीके...
- यूआरएल टाइप करके ही साइट पर जाएं: अगर आपको किसी वित्तीय लेनदेन के लिए बैंक आदि की साइट्स पर जाना है तो सर्च इंजिन के जरिए न जाए। इसके बजाय साइट्स के यूआरएल और डोमेन याद रखें। पूरा यूआरएल टाइप करके ही साइट पर जाएं।
- तीन स्तर की सुरक्षा प्रणाली अपनाएं: बैंक अकाउंट हो या सोशल साइट का अकाउंट, तीन स्तर की सुरक्षा प्रणाली, यानी पासवर्ड, क्वैश्चन और ओटीपी को जरूर अपनाएं। इसके लिए अपने बैंक से या किसी भी एक्सपर्ट से जानकारी ले सकते हैं।
- एप की परमिशन हटाएं : मोबाइल में एप डाउनलोड करना और फिर उसे परमिशन देना हमारी मजबूरी बन जाता है। इससे बचने के लिए एप डाउनलोड करने के बाद मोबाइल डेटा बंद करें और सेंटिंग्स में एप में जाकर परमिशंस हटा दें।
- ब्राउजर मना करें तो साइट पर न जाएं: कई बार फाइल डाउनलोड करने से हमारा ब्राउजर मना कर देता है। हालांकि इसके बावजूद हम किसी और तरीके से वह फाइल डाउनलोड करने के रास्ते खोज लेते हैं। लेकिन यह भी सुरक्षित नहीं है।
- जरूरी होने पर ही अपडेट करें : विंडोज या मोबाइल का सिस्टम सॉफ्टवेयर तभी अपडेट करें, जब वह वाकई जरूरी हों। कई बार अपडेट के माध्यम से भी सिस्टम की हैकिंग हो सकती है। ऐसे में अपडेट से पहले उसे बारीकी से जरूर पढ़ें।
- पासवर्ड सेव ना करें: जब आप कोई पासवर्ड बनाते हैं तो कई बार अापका ब्राउजर (जिस पर आप इंटरनेट चलाते हैं जैसे गूगल क्रोम, मोजिला आदि) आपसे सेव करने का ऑप्शन देते हैं। तब आप भूलकर भी अपना पासवर्ड सेव नहीं करें।
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