नाक से सांस लेने से बेहतर होता है इम्यून सिस्टम, मुंह से सांस लेने पर होता है इंफेक्शन का रिस्क; 13 एक्सरसाइज सुधारेगी सेहत

कैली डिनार्डो. कहते हैं आप तब तक स्वस्थ्य नहीं हो सकते जब तक कि आप सही तरीके से सांस नहीं ले रहे। हम दिन में करीब 25 हजार बार सांस लेते हैं और खासकर महामारी के वक्त में हम इसे लेकर सजग भी हुए हैं। "ब्रीद: द न्यू साइंस ऑफ ए लॉस्ट आर्ट" के लेखक जेम्स नेस्टर कहते हैं कि "अगर कोविड से कुछ अच्छा बाहर निकलकर आया है तो वह है लोग अपनी सांस लेने के तरीकों पर ध्यान दे रहे हैं।"

हम किस तरह से सांस ले रहे हैं, इसका असर शरीर के सेल्युलर स्तर पर पड़ता है। रिसर्च बताती हैं कि सांस लेने कातरीका बदलना हमारे वजन, एलर्जी, अस्थमा, खर्राटे लेना, तनाव और ध्यान जैसी चीजों को प्रभावित कर सकता है। ऐसे में बेहतर ढंग से सांस लेने में कुछ एक्सरसाइज आपकी मदद कर सकती हैं।

इन 13 एक्सरसाइज के जरिए आप अपनी सांस को और बेहतर कर सकते हैं-

1. मुंह को बंद रखें
हम में से करीब आधे लोग क्रोनिक माउथ ब्रीदर्स होते हैं। यह एक ऐसा तरीका है जिससे फेफड़ों में परेशानी हो सकती है और रेस्पिरेटरी संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। इसे खराब सांस, स्लीप एप्निया और दूसरी हेल्थ प्रॉब्लम्स से भी जोड़कर देखा गया है।

नाक के जरिए सांस लेने पर हवा गर्म और साफ होती है। यह हमें पूरी और लंबी सांस लेने में मदद करती है। इसके अलावा नाक से सांस लेने पर ज्यादा ऑक्सीजन आब्जर्व होती है और नाइट्रिक ऑक्साइड की मात्रा बढ़ती है। नाइट्रिक ऑक्साइड एक मॉलीक्यूल होता है जो ब्लड वैसल्स को खोलता है, इससे सर्कुलेशन और बढ़ता है और ऑक्सीजन, खून और दूसरे न्यूट्रिएंट्स को शरीर के सभी हिस्सों में पहुंचाता है। नाइट्रिक ऑक्साइड से इम्यून फंक्शन, वजन प्रभावित होते हैं।

हालांकि, करीब 40 फीसदी लोग जो एलर्जी, साइनोसाइटिस के कारण नाक बंद होने की परेशानी से जूझ रहे हैं। ऐसे लोगों में मुंह बंद कर सांस लेना एक चुनौती हो सकता है। इसमें पहले कदम नाक को खोलना है। नेस्टर कहते हैं "इसके लिए कुछ स्प्रे और नेटि-पॉट्स मौजूद हैं। मैं अपनी नाक में यूकेलिप्टस तेल डालता हूं।"

2. नाक खोलना

पैट्रिक मैकियोन की "द ऑक्सीजन एडवांटेज" की एक एक्सरसाइज नाक को खोलने में मदद कर सकती है। सीधा बैठें, आराम से नाक के जरिए सांस अंदर-बाहर करें। इसके बाद दोनों नॉस्ट्रिल्स को बंद कर दें। अपने सर को ऊपर-नीचे और दाएं-बाएं तब तक हिलाएं जब तक आपको सांस लेने की जरूरत न पड़ जाए। नाक या नाक बंद होने की स्थिति में सिकुड़े हुए होठों से धीमी सांस लें। शांति से 30 सेकंड से लेकर एक मिनट तक सांस लें और इसे पांच बार दोहराएं।

3. कुछ गहरी सांस लें
एक औसत व्यक्ति अपने डायफ्राम का 10 प्रतिशत जितना ,छोटा हिस्सा उपयोग करता है। सीने के जरिए सांस लेना दिल पर बोझ, गर्दन-कंधे की नसों में तनाव और आपको लगातार लो ग्रेड स्ट्रेस में रख सकता है। डायाफ्रेगमेटिक ब्रीदिंग यानी पेट से सांस लेने पर हम गहरी सांस ले सकते हैं और इससे हमारे फेफड़े ज्यादा ऑक्सीजन सोख पाएंगे और तनाव कम होगा।

4. पेट से सांस लेना
शुरू करने के लिए पीठ के बल लेट जाएं और घुटने मोड़ लें। एक हाथ को सीने और दूसरे हाथ को पेट पर रखें। धीरे-धीरे नाक से सांस लें, ताकि आपका पेट बढ़े। सीने पर रखा हाथ नहीं हिलना चाहिए। धीरे से नाक या सिकुड़े होंठ के जरिए सांस को बाहर छोड़ें और पेट को अपने पुरानी स्थिति में महसूस करें। इसे 5 से 10 बार दोहराएं। जब आप इस टेक्नीक को आसानी से करने लगें तो ऐसा बैठकर या खड़े होकर भी करें।

5. गेंद लें और उसे रोल करें
जब आप सीने में सांस लेते हैं तो गर्दन, कंधे और ऊपरी सीने को बाहर निकलने में मदद मिलती है और यह कस जाते हैं। जब ऊपरी शरीर के मसल्स कसे हुए होते हैं तो वे सामान्य सांस लेने की प्रोसेस को रोकते हैं। ऊपरी शरीर को टेनिस या मसाज बॉल के जरिए मसाज करने से यह चीज सुधरेगी और मसल्स को ढीला करेगी और आराम देगी।

6.पैक्टोरल रोल
दीवार की तरफचेहरा करके खड़े हो जाएं और गेंद को कॉलर-बोन पर लगाएं। दीवार पर झुकें और गेंद को कई बार क्लैविकल के नीचे कई बार आगे-पीछे, दाएं-बाएं घुमाएं। इसे सीने के दूसरे तरफ भी दोहराएं।

7.इंटरकोस्टल रोल
दीवार के सामने एक तरफ से खड़े हों और अपने हाथ को दीवार से सटाकर उठाएं। हथेली को दीवार से लगाएं। गेंद को आर्म-पिट के अंदर रखें और दीवार के सहारे इसे घुमाएं। गेंद को एक इंच नीचे करें और दोहराएं। मांसपेशियों के बीच इंटरकोस्टल मसल्स को तब तक मसाज करें, जब तक आप लोअर रिब्स तक न पहुंच जाएं। इसे दूसरी तरफ भी दोहराएं।

8. अपर बैक रोल
पलट जाएं, ताकि आप दीवार की तरफ पीठ कर के खड़े हो सकें। गेंद को अपने ट्रैपेजियस के ऊपर रखें और दीवार पर झुक जाएं। आराम से गेंद को कंधे के बाहरी हिस्से पर झुककर और सीधा होकर घुमाएं। इसे दूसरी तरफ दोहराएं।

9. नेक रिलीज
अपनी पीठ के सहारे योग ब्लॉक के साथ नीचे आ जाएं या अपने सिर के नीचे कोई मोटी किताब रख लें। अपने सिर को दाईं ओर मोड़ें और गेंद को कान के पीछे गर्दन के ऊपरी हिस्से में रखें। पांच गहरी सांस लें। इसके बाद हां और न में तीन-चार बार सिर हिलाएं। साइड को बदल लें।

10. सीधे खड़े हो जाएं
खराब पॉश्चर डायफ्राम को रोकते हैं और ब्लड फ्लो और पाचन जैसी एक्टिविटीज को धीमा करते हैं। पैरों को स्ट्रेच करना, पीठ को लंबा करना और कंधों को खोलना रीढ़ की हड्डी को डीकंप्रेसकरने में मदद करता है।

11. कैट/काउ
जमीन पर टेबल-टॉप पोजीशन में आ जाएं। जब आप सांस लें तो पेट को गिराएं, सीने को आगे दबाएं और ऊपर देखें। सांस छोड़ते वक्त ठुड्डी को सीने पर लगाएं और रीढ़ की हड्डी को मोड़ें। तीन से पांच बार सांस के लिए गाय और बिल्ली योग मुद्राओं में बदलाव करें।

12. पैरों के बीच जगह बनाएं और आगे की तरफ फोल्ड करें
पंजों के बल खड़े हों और दोनों में करीब 4 फीट की दूरी रखें। पैर के अंगूठे को अंदर की तरफ मोड़े। अपनी पीठ के पीछे हाथों को बांध लें। सांस लें, सीने को खोलें हथेलियों को नजदीक लाएं। जब सांस छोड़ें तो आगे की तरफ फोल्ड करें और अपने हाथों को सिर के ऊपर ले जाएं। अगर हाथ पकड़ना मुश्किल हो रहा है तो टॉवेल की मदद लें। इसी पोजिशन में 5 से 10 सांसों तक ठहरें।

13.सु-पाइन स्पाइनल ट्विस्ट
पीठ के बल लेट जाएं, घुटनों को सीने से लगाएं और कुछ सांस लें। इसके बाद हाथों को विपरीत दिशा में T आकार बनाते हुए बाहर निकालें। जब आप सांस छोड़ें तो घुटनों को दाईं ओर नीचे कर दें, दोनों कंधों की ब्लेड्स को जमीन पर रखें। आप बाएं कंधे को देखकर ट्विस्ट को और गहरा कर सकते हैं। इस पोजीशन में कई बार सांस लें, सांस अंदर लें और घुटनों को वापस बीच में लाएं। सांस छोड़ें और बाईं ओर इन्हें नीचा करें और दूसरी दिशा में ट्विस्ट करें।



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